*जानें धनतेरस, रूपचौदस और दीपावली की पूजन विधि, मुहूर्त, टोटका और दरिद्रता दूर करने का उपाय भी- गुरु गणेश की जुबानी*       

Spread the love

*जानें धनतेरस, रूपचौदस और दीपावली की पूजन विधि, मुहूर्त, टोटका और दरिद्रता दूर करने का उपाय भी- गुरु गणेश की जुबानी*

      \"\"

                 गुरु गणेश – आशीष देवांग

🪔 *2 नवंबर 2021*- *धनतेरस पूजन*
धनतेरस को शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के समय घी का दीपक जलाएं। कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा करते समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए। फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाना चाहिए। धनतरेस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। (निरोगी काया के लिए करें)

🌝 *3 नवंबर 2021* – *रूप चतुर्दशी पूजन*
सूर्योदय से पहले आटा, तेल, हल्दी, बेसन का उबटन शरीर पर मलकर स्नान करें। व्रत रखें और भगवान श्री कृष्ण का पूजन करें। रात्रि में 16 छोटे दीपक लेकर उनमें तेल बाती डालकर जलावें। फिर रोली, खील, गुड़, धूप, अबीर, गुलाल, फूल आदि से घर के पुरुष-स्त्री पूजा करें। पूजन के बाद सभी दीपकों को घर के अंदर प्रत्येक स्थान पर रख दें।

*यम दीप दान*
रात्रि में एक बड़ा मिट्टी का दीपक लें और उसे सरसों के तेल से भर देवें। अब इसमें चार मुखी बत्ती लगाएं और द्वार के बाहर पूजन कर यम देवता का नाम लेकर प्रज्वलित कर देवें। याद रहे कि दीपक रातभर जलता रहे, इसलिए बड़ा दीपक लें और उसमें तेल ज्यादा भरें। (इस पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है)

*4 नवंबर 2021* – *लक्ष्मी-गणेश पूजन*
1. पूजा के दिन सबसे पहले एक बड़ी और साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां स्थापित रख दें।
2. लक्ष्मी जी के पास एक जल से भरा कलश जरूर रखें। कलश के ऊपर एक नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेट कर रखें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे।
3. कलश के पास दो बड़े दीपक रखें जिसमें एक घी का और दूसरा तेल का दीपक हो। एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें और दूसरा मूर्तियों के चरणों में। एक दीपक गणेश जी के पास रखें।
4. गणेशजी की ओर चावल की सोलह प्रतीक बनाएं जिन्हें मातृका का प्रतीक माना जाता हैं। नवग्रह और षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।
6. अब इसके बीच में सुपारी रखें। छोटी चौकी के सामने तीन थाली और जल भरकर कलश रखें।
7. थालियों में पूजा की इन जरूरी चीजों को रखें- ग्यारह या इक्कीस दीपक, खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक।
8. अब पूरे विधि-विधान से महालक्ष्मी और गणेश कर पूजन करें।
9. पूजा के बाद पूरे घर में कपूर की धूप दिखाएं और गंगाजल छिड़कें।

\"\"

*पूजन का मुहूर्त*:- अमावस्या तिथि 04 नवंबर 2021 (दीपावली) को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर 05 नवंबर को सुबह 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है। पूजन अवधि 01 घंटे 55 मिनट की है। समय के अभाव में चोखड़िया देकर भी कर सकते हैं।
……..

*गुरु गणेश के बताये तीन उपाय, जो देंगे भरपूर लाभ*

1. *पैसों के कारण कलह होती हैं तो आजमाएं ये👇 टोटका*

👩‍👩‍👦‍👦 परिवार में पैसे की वजह से कलह रहता हो, तो दक्षिणावर्ती शंख में पांच पीली कौड़ियां रखकर उसे चावल से भरी चांदी की कटोरी पर घर में स्थापित करें। यह प्रयोग दीपावली के अवसर पर करें, लाभ अवश्य होगा।
………

2. *दरिद्रता भोगने वालों के लिए विशेष*
💰किसी भी कांसे या पीतल की थाली में काजल लगाकर उसे काली कर दें और फिर चांदी की डण्डी से उस पर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएं। फिर उस चित्र पर ऐश्वर्य लक्ष्मी यंत्र स्थापित कर दें और सिर्फ एक सफेद धोती पहनकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके सामने गेहूं के आटे के चार दीपक बनाएँ और उसमें तेल डाल कर जला लें। थाली के चारों कोनों पर रखे मूंगे की माला से इस मंत्र का 51 माला जाप करें।

📿 *मंत्र*- ऊँ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं फट्

जब मंत्र पूरा हो जाए तो रात्रि में वहीं जमीन पर ही सो जाएं। किसी भी तरह की आवाज सुनें तो घबराएं नहीं।
…………

3. 🧘🏻‍♂️ *निर्धनता भोग रहे पुरुषों के लिए तीन दिनी साधना*

– धन त्रयोदशी को 40 माला करें
– रूप चतुर्दर्शी को 42 माला करें
– दिवाली को 43 माला करें

📿ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ठं ॐ घण्टाकर्ण महावीर लक्ष्मी पूरय-पूरय सुख सौभाग्य कुरु-कुरु स्वाहा

दिशा:- उत्तर, माला:- मूंगा, आसन:- लाल ऊनि, लाल गोमुख, यंत्र- घंटाकर्ण महावीर यंत्र, समय:- रात्रि, नियम:- तीन दिन ब्रह्मचरिता का पालन, भोजन:- सिर्फ फल का
(यह गोपनीय रूप से एकांत में करें)

☎️ *अधिक जानकारी के लिए संपर्क*:- *गुरु गणेश*, गणेश साधक, ज्योतिषी व वास्तुकार) 99262-03593

( *नोट*:- आपका आजमाया टोटका या उपाय अगर आप किसी को बता देते हैं तो सारे फल निष्फल हो जाते हैं इसलिए जो भी उपाय करें, वह गोपनीय रहे। 2 नम्बर और 3 नम्बर के उपाय में से कोई एक ही का मंत्र जाप करें। वास्तु दोष होने पर भी साधना निष्फल हो जाती हैं)

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top