नगमा ए रफी में सदाबहार गीतों पर झूमे श्रोता 

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नगमा ए रफी में सदाबहार गीतों पर झूमे श्रोता

देवास। सुर संगम सांस्कृतिक संस्था देवास द्वारा मो. रफी की 44 वीं पुण्यतिथि एवं जन्म शताब्दी वर्ष पर शनिवार 17 अगस्त कोे मल्हार स्मृति मंदिर हॉल में नग्म-ए-रफी कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. इकबाल कुरेशी, राधेश्याम सोनी,मोहन वर्मा एवं अजय सोलंकी ने दीप प्रज्ज्वलन किया।

कार्यक्रम का आरंभ दूरदर्शन एवं आकाशवाणी गायक इकबाल खान और जयमाला ने जाने वाले कभी नहीं आते जाने वाले की याद आती है गीत से किया। इसके पश्चात कैलाश श्रीवास ने आसमान से आया फरिश्ता, सैयद एहमद अली ने दिल का सूना साज तराना ढूंढेगा, डॉ. जुगल किशोर राठौर ने क्या हुआ तेरा वादा, सुभाष केलकर ने वादिया मेेरा दामन से खूब दाद बटोरी। जयमाला लाड़ और मंजू दांडे ने भी सभी गायकों का बखूबी साथ निभाया। इकबाल खान द्वारा गाये गये गीत ओ दुनिया के रखवाले सुन दर्द भरे मेरे नाले पर श्रोता झूूम उठे।

कार्यक्रम में एडव्होकेट इरशाद कुरेशी, एडव्होकेट सै. लियाकत अली, एडव्होकेट चंद्रपालसिंह सोलंकी, प्रेमनाथ तिवारी, नवीन नाहर, साहित्यकार प्रकाश कांत,  असलम भाई, गोेपाल पंडित, डॉ. अरविंद पौराणिक आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गोपाल बावस्कर ने किया एवं आभार संस्था सदस्य डॉ. जुगल किशोर राठोर ने माना।

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