बीएसएनएल की रहवासी कॉलोनी और प्लांट की बिक्री के बाद भविष्य में बीएसएनल की आयेगी बारी – कांग्रेस
देवास / जिस तरह से केंद्र सरकार के आदेश पर बीएसएनल भारत संचार निगम लिमिटेड दूरसंचार कंपनी के देश की 531 संपत्ति को बेचने के लिए चिन्हित किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश की 52 संपत्तियों को भी बेचने के लिए चिन्हित किया गया है। संपत्ति की बिक्री के लिए वर्तमान में चार जगह को चिन्हित किया गया है इसके तहत 1 जुलाई को ई टेंडर जारी किए गए हैं इनमें इटारसी ,देवास ,शहडोल और जबलपुर स्थित बीएसएनल की प्रॉपर्टी है।
बात करें तो इटारसी स्थित संपत्ति का मूल्य 8 करोड़ 43 लाख रुपए निकल गया है,देवास की संपत्ति का 39 करोड़ 29 लाख रुपए, शहडोल की संपत्ति 4 करोड़ 72 लख रुपए व जबलपुर की 22 करोड़ 2000 रुपए निकाली गई है। सबसे ज्यादा संपत्ति का मूल्य उज्जैन का निकाला गया है जिसकी कीमत 19 अरब रुपए है। इन संपत्तियों को बेचने के पीछे तर्क दिया गया है कि बीएसएनल को घाटे से उभारने के लिए यह कदम उठाया गया है।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व देवास स्थित बीएसएनएल में जन प्रतिनिधि के रूप में सदस्य नियुक्त रहे रहे सुधीर शर्मा ने कहा की इस कदम से बीएसएनएल के कर्मचारी भी असमंजस में है कि शायद भविष्य में भारत संचार निगम लिमिटेड के नेटवर्क संसाधनों को भी समेट लिया जाएगा। वर्तमान में जिस तरह से जियो, एयरटेल और वोडाफोन ने अपने रिचार्ज के दाम बड़ाए है उससे भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह केंद्र सरकार ने अनेक उपक्रमों को बेचा है निकट भविष्य में बीएसएनएल के भी पूरी तरह से समाप्त होने के आसार दिख रहे हैं। बीएसएनएल के पूरी तरह से समाप्त हो जाने के बाद इन निजी कंपनियों का ही पूरी तरह से देश के ,दूरसंचार के क्षेत्र में साम्राज्य स्थापित हो जाएगा। फिर यह कंपनियां जिस भी दाम में अपने रिचार्ज बेचेंगी देश के लोगों को खरीदना पड़ेगा। सरकारी प्रतिष्ठानों को समाप्त कर निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के केंद्र सरकार के फैसलों की अगली कड़ी में बीएसएनएल की समाप्ति से इंकार नहीं किया जा सकता,जो चिंताजनक है ।