आज देश को देश के लिए जीने वाले कवियों की आवश्यकता है जो अपने लेखन से जनचेतना लाएं। साहित्य की प्रत्येक विधा में लेखन कार्य कर साहित्य रूपी देवता को पुष्ट बनाने की आवश्यकता है। यह बात मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य अकादमी के निदेशक विकास दवे ने आनलाइन कवि सम्मेलन में कही।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के प्रधानमंत्री सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी थे। सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान में कविता साहित्य की सबसे लोकप्रिय विधा है और हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। इस लिहाज से दोनों का फलना-फूलना जरूरी है। मालवा प्रांत के अध्यक्ष त्रिपुरारीलाल शर्मा ने स्वागत भाषण में कहा कि मालवा प्रांत के साहित्यकार अपना साहित्य धर्म निभा रहे हैं। साहित्यकार कविता के माध्यम से सामाजिक सुधारों के लिए जनजागरण का कार्य कर रहे हैं।