देवेंद्र बोले- मेरे माता-पिता ने मुझे दिव्यांग होते हुए भी ग्राउंड में भेजा, उसी का नतीजा है कि आज मेडल जीत कर आया हूं

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टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीत कर देवेंद्र झाझड़िया शनिवार को जयपुर पहुंचे। जयपुर एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में देवेंद्र का खेल प्रेमियों ने स्वागत किया। ढोल नगाड़ों की थाप के साथ देवेंद्र अपने घर के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता ने मुझे दिव्यांग होते हुए भी ग्राउंड में भेजा, उसी का नतीजा है कि आज मेडल जीत कर आया हूं।

जयपुर पहुंचने के बाद देवेंद्र ने कहा कि अपने परिवार के पास और प्रदेश में पहुंचने के बाद मेडल जीत की खुशी दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि देश के लिए मैंने मेडल की हैट्रिक बनाई है। इससे बड़ी बात मेरे लिए नहीं हो सकती। इस मेडल के लिए मैंने और मेरे परिवार ने काफी मेहनत की है। परिवार के बिना यह मेडल संभव नहीं था।

देवेंद्र ने कहा कि मेरे मां-पिता ने मुझे दिव्यांग होते हुए भी ग्राउंड में भेजा। उसी का नतीजा है कि आज मैं मेडल जीतकर अपने देश का नाम रोशन कर पा रहा हूं। इस बार पैरालिंपिक में इंडिया चैंपियन बना है।

बता दें कि राजस्थान के देवेंद्र झाझड़िया ने टोक्यो पैरालिंपिक में जेवलिन थ्रो प्रतिस्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता है। देवेंद्र भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलिंपिक में तीन बार मेडल जीते हैं। इससे पहले देवेंद्र साल 2004 एथेंस ओलिंपिक में गोल्ड और 2016 रियो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

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