संघर्षों और अनुभव से उपजे लेखन का परिणाम है मोहन वर्मा की पुस्तकें ।                           

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संघर्षों और अनुभव से उपजे लेखन का परिणाम है
मोहन वर्मा की पुस्तकें 

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         देवास । मोहन वर्मा विगत चार से अधिक दशकों से लेखन और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय हैं । इन बीते  वर्षों में
लगातार पढ़ते लिखते और जीवन संघर्षों के बीच अपने लेखन को धार देते रहे है । इन संघर्षों और अनुभवों से उपजे उनके लेखन का प्रतिफल है उनकी नई दोनों किताबें। विभिन्न वैचारिक विषयों पर पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके आलेखों के संकलन \”समय के साथ\” की बात करें या कविता,गीत ग़ज़ल की पुस्तक \”शब्द शब्द उम्मीद\” की बात करें, ये लेखक के परिपक्व लेखन के दस्तावेज हैं । ये बात वरिष्ठ साहित्यकार डॉ प्रकाश कांत और जीवनसिंह ठाकुर ने मोहन वर्मा की पुस्तकों के विमोचन कार्यक्रम में कही ।

पुस्तक विमोचन का ये कार्यक्रम रविवार शाम को वरिष्ठ नागरिक सभागृह में आयोजित किया गया था । कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ कांत व ठाकुर के साथ निगम आयुक्त विशालसिंह चौहान,स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, इन्दौर प्रेस क्लब महासचिव हेमंत शर्मा,समीरा नईम तथा देवास प्रेस क्लब अध्यक्ष उपस्थित थे ।

अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जलवन और माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण पश्चात अतिथियों का स्वागत आलेख वर्मा,सोनम राजोरा,रचना वर्मा,अश्विन उचिल,अशोक वर्मा तथा अनमोल उचिल ने किया । स्वागत पश्चात अतिथियों द्वारा लेखक मोहन वर्मा की पुस्तक समय के साथ तथा शब्द शब्द उम्मीद का विमोचन किया गया ।

विमोचन पश्चात सुश्री समीरा नईम ने मोहन वर्मा की लेखन यात्रा पर प्रकाश डाला और कुछ प्रतिनिधी रचनाओं का उल्लेख किया । श्री हेमंत शर्मा ने मोहन वर्मा की पत्रकारीय दृष्टि और आलेखों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वर्मा का लेखन अपने समय की विसंगतियों पर चोट करते हुए भी हमेशा सकारात्मक नज़र आता है । श्री प्रवीण खारीवाल ने कहा कि पुस्तक में संकलित लेख वाकई समय के साथ है तो कविताएं निराशा के समय में उम्मीद की बात करती है। प्रेस क्लब अध्यक्ष अतुल बागलिकर ने भी वर्मा के लेखन और सामाजिक कामों की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दी।

निगम आयुक्त विशालसिंह चौहान ने कहा कि मैं मोहन वर्मा को एक पत्रकार और लेखक के साथ साथ एक
संवेदनशील इंसान के रूप में जानता हूँ जो कोरोनाकाल से लेकर लगातार समाज के जरूरतमन्दों के लिये सक्रिय हैं ।
चौहान ने इस अवसर पर वर्मा को सक्रिय लेखन के लिए बधाई दी ।  कार्यक्रम में बड़ी संख्या में, साहित्यकार पत्रकार और गुणीजन उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन अरविंद त्रिवेदी ने किया तथा आभार मोहन वर्मा ने माना ।

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