फायर सेफ्टी को लेकर जिलाधीश के निर्देशों के बाद प्रायवेट अस्पतालों ने स्थगित की अपनी सेवाएं
देवास । भोपाल के हमीदिया अस्पताल में हुए हादसे के बाद देवास में सख्त हुए जिलाधीश चन्द्रमौली शुक्ल ने कल निजी अस्पताल संचालकों की एक बैठक में ये निर्देशित किया था कि एक सप्ताह के भीतर जिले के सभी प्रायवेट अस्पताल और नर्सिंग होम अनिवार्य रूप से फायर सिस्टम लगवाकर निगम से एनओसी प्राप्त करें और उसके बाद ही नये मरीजों की भर्ती करें ।
जिलाधीश के निर्देशों के बाद आज से शहर के सभी
निजी अस्पतालों ने मरीजों की भर्ती वन्द कर दी है । निजी
अस्पतालों में मरीजों को भर्ती ना किये जाने से बड़ी समस्या खड़ी हो गई है । कई गंभीर बीमारी के मरीजों को भर्ती नही किया जा रहा है जिसके चलते मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं । शहर में डेंगू,वायरल सहित कई बीमारियां फैली हुई है । इधर सरकारी अस्पताल की लचर व्यवस्था से लोग परेशान हैं और उधर कल कलेक्टर कार्यालय में फायर सेफ्टी को लेकर हुई मीटिंग के बाद प्राइवेट नर्सिंग हॉस्पिटल एसोसिएशन ने सेवाएं स्थगित करने का जो निर्णय लिया है वे लोगों को परेशानी में डाल रही है ।
यहाँ ये भी उल्लेखनीय है कि आमतौर पर निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी,ऑक्सिजन व अन्य सुविधाएं उनकी प्राथमिकता में होती ही नहीं है । किसी हादसे के बाद जागते हुए इन जरूरी चीजों पर ध्यान दिया जाता है।
भोपाल हादसे के बाद सख्त हुए विभिन्न जिलों में अचानक फायर सेफ्टी प्राथमिकता में आ गई है । इन्दौर में भी इसी मुद्दे को लेकर सख्त हुए प्रशासन ने मयूर और एक अन्य अस्पताल को सील कर दिया है । व्यवस्था होने तक आम नागरिक और परिजन परेशान हो रहे है ।