लोकमाता अहिल्याबाई की जयंती पर उनके बताये रास्तों पर चलने की ली सीख
देवास/मोहन वर्मा । लोकमाता अहिल्याबाई की जयंती पर देवास में जिला प्रशासन और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने लोकमाता का स्मरण कर उनके जीवन संघर्षों के साथ उनके सामाजिक कामों को याद करते हुए कुरीतियों के खिलाफ उनके क़दमों के बारे में अपने विचार रखे उपस्थित श्रोताओं ने उनके बताये रास्तों पर चलने की सीख ली
स्थानीय मल्हार स्मृति सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में हुई इस संगोष्ठी इतिहासकार दिलीप जाधव,शिक्षाविद विजय श्रीवास्तव,अभिभाषक और महिला विचारक श्रीमती मिथिलेश सोनी,तथा शिक्षा अधिकारी हरिसिंह भारती ने अपने विचार रखे।
वक्ताओं ने कहा कि तीन सौ बरस पहले अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में जीवन के विकट समय के बाबजूद अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से स्त्री शिक्षा,विधवा विवाह,स्त्री सशक्तिकरण जैसे क्रांतिकारी कामों के जरिये जो कुरीतियों के ख़िलाफ़ सामाजिक बदलाव की जो शुरुवात की उसके सुखद परीणाम अब तक देखने को मिल रहे है । देशभर में उनके द्वारा बनाए धर्मशालाओं,घाटों,मन्दिरों और जरुरतमंदों की सहायता के लिए कामों ने उन्हें लोक माता के रूप में ख्याति दी । कार्यक्रम में सुश्री अर्पिता आहूजा ने कत्थक नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने उनके बताये रास्तों पर चलने की सीख ली । कार्यक्रम का संचालन और आभार साहित्यकार मोहन वर्मा ने माना ।