हड़ताल की धमकी देते बस ऑपरेटर आए पटरी पर,पहले की तरह दौड़ने लगी बसें
(मोहन वर्मा)
देवास में पिछले दिनों ब्रिज के पास हुई सड़क दुर्घटना में बस की टक्कर से बेमौत मारी गई रीना ठाकुर की शव यात्रा के दौरान चक्काजाम और लोगों के आक्रोश को देखते हुए रविवार को प्रशासन और ट्रैफ़िक पुलिस द्वारा बस संचालकों की ताबड़तोड़ बुलाई बैठक में आगामी 15 दिनों के लिए एक तुगलकी निर्णय लिया गया, जिस पर बैठक में सहमत
हुए बस संचालकों ने 17 मार्च से ही हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया
कल हुए निर्णय के अनुसार इंदौर की और जाने वालीं बसें अब बस स्टैंड से बायपास होकर रसूलपूर होते हुए इंदौर जायेगी यानि बस स्टैंड से रसूलपुर के बीच शहर के वे हज़ारों नागरिक जो रोजाना अप डाउन करते है वे या तो बस स्टैंड जाएँ या फिर रसूलपूर से बस पकड़ें ।
इसी तरह उज्जैन अप डाउन करने वाले या जाने वालों को भी बस स्टैंड ही जाना होगा क्योंकि अब बसें बस स्टैंड से मक्सी रोड बायपास होकर उज्जैन जायेगी । इस निर्णय पर बैठक में सहमत हुए बस ऑपरेटरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया मगर फिर आज सुबह आपसी चर्चा के बाद कल लिए गए निर्णय को बच्चों की परिक्षा और अप डाउन करने वालों के नाम पर वापस ले लिया गया और बसें यथावत दौड़ने लगी..
शहर में आम लोगों से जुड़े इस मुद्दे पर न तो भाजपा और न ही कांग्रेस के नेताओं की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आई है,हां कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी ने जरूर सुबह बस ऑपरेटरों के साथ ट्रैफिक एसपी से मिलकर समस्या का त्वरित हल निकालने और बसों को पूर्ववत चलाने को लेकर चर्चा की थी,साथ ही मामले में संवेदनशील और आम नागरिक अपना आक्रोश सोशल मीडिया पर प्रकट करते रहे।
शहर में सड़क हादसे रोकने और बसों की अन्धाधुन्ध रफ्तार पर नियंत्रण को लेकर जो माहौल है वो किसी सकारात्मक दिशा में जाता नजर नहीँ आ रहा है और फिलहाल तो आम नागरिक परेशान हो रहा है ..