जिंदगी की तकलीफों को नज़दीक से देखने 15 हजार किलोमीटर पैदल नाप रहा गोरखपुर का युवक
देवास/मोहन वर्मा। ऐसे समय में जब कि सोशल मीडिया के उफान में उलझा युवा दूसरों को ज्ञान बांटने में लगा है,उसे दूसरों के दुःख दर्द से बहुत ज्यादा कोई मतलब नहीँ है, गोरखपुर का एक युवा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद देशवासियों की जिंदगी को नज़दीक के और बहुत कुछ सीखने के उद्देश्य से पैदल निकल पड़ा और 15 हजार किलोमीटर के लक्ष्य में बद्री,कैदार,काशी विश्वनाथ होते हुए उज्जैन महाकाल के दर्शनों से पहले आज देवास पहुँचा।
विशाल कनौजिया का कहना है जब आप यात्रा करते है,अनेक लोगों से मिलते है तो पता चलता है कि लोग किन हालातों मे जी रहे है। हरेक व्यक्ति को लगता है उसके जीवन मे बहुत कमी है मगर जब हम अपने से नीचे वालों को देखते है तो समझ में आता है जो हमें ईश्वर ने दिया है वो बहुत से लोगों के लिए सपना है।
विशाल एक अपर मध्यमवर्गीय परिवार से है जहां सामान्य जरूरतें अच्छे से पूरी हो रही है मगर जिंदगी को,दूसरों के दुःख दर्दों को समझने को वे इस यात्रा पर निकल पड़े और सामान्य परेशानियों के बाबजूद बहुत कुछ सीख रहे है । इस 15 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा के रोमांच से वे खुश है और कहते हैं जीना इसी का नाम है….