शहर में घटती हरियाली गहन संकट की स्थिति में पहुंच गई है। सन 1970-71 में जहां शहर में हरियाली 31.6 फीसद रखने का प्रविधान था, वहीं 1980-81 में 13 से 15 फीसद और अब मात्र 7.1 फीसद रह गया है। शहर की आबादी 25 से 30 लाख है। 18 लाख वाहन और मात्र छह लाख पौधे ही मौजूद हैं। अब तक किसी भी एजेंसी ने पूरे शहर में हरियाली का मास्टर प्लान नहीं बनाया है। लगाए गए पौधे जीवित रहें और वे पौधों से पेड़ बनें यह हम सबकी जिम्मेदारी होना चाहिए।
यह कहना है पर्यावरणविद डा. ओपी जोशी का। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत झंडा ऊंचा रहे हमारा अभियान की प्रवर्तक संस्था सेवा सुरभि द्वारा किला मैदान वीआइपी रोड स्थित श्री रामकृष्ण आश्रम परिसर में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी आयोजित की। इसमें शहर में घटती हरियाली पर स्वामी निर्विकारानंद के सान्निाध्य एवं पद्मश्री जनक पलटा के आतिथ्य में चर्चा की गई। इस अवसर पर अनौपचारिक चर्चा के साथ ही वीआइपी रोड पर ट्रीगार्ड सहित पौधरोपण भी किया गया। प्रारंभ में संस्था सेवा सुरभि की ओर से संयोजक ओमप्रकाश नरेड़ा, एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रमोद डफरिया, अरविंद बागड़ी, अजीत सिंह नारंग, रामेश्वर गुप्ता, शिवाजी मोहिते, मुरलीधर धामानी आदि ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। परिचर्चा में डा. ओ.पी. जोशी के अलावा डा. किशोर पंवार, डा. भोलेश्वर दुबे, डा. प्रो. रमेश मंगल, डा. जयश्री सिक्का एवं डा. संदीप नारूलकर ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन अतुल सेठ ने किया और आभार माना अरविंद जायसवाल ने। इस अवसर पर समाजसेवी मोहन अग्रवाल, अवतार सिंह सैनी, पंकज कासलीवाल, अनिल मंगल, मुकुंद कारिया ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इस अवसर पर सभी शिक्षकों को शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।