सस्ते का सपना दिखाकर रुपये हजम किए, पांच साल बाद भी नहीं मिले फ्लैट

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सुपर कारिडोर पर सस्ते फ्लैट का सपना दिखाकर बिल्डर ने लोगों को ठग लिया। टीसीएस चौराहे से डेढ़ किमी अंदर पालाखेड़ी में कारिडोर एग्जाटिका बनी है। 2014 में बिल्डर राजकुमार जैन ने 300 परिवारों के रहने के लिए सात ब्लाक का प्रोजेक्ट शुरू किया था। तब फ्लैट खरीदने वालों को सुनहरे सपने दिखाए थे। बच्चों-बुजुर्गों के लिए अलग-अलग गार्डन होगा। क्लब हाउस में जिम और इनडोर गेम्स होंगे। सुरक्षा के लिहाज से टाउनशिप के चारों तरफ 15- 15 फीट की दीवार खड़ी करेंगे। मगर सात साल बाद अब बिल्डर के सारे दावे खोखले नजर आने लगे हैं। सात में से पांच ब्लाक वहां खड़े नजर आते हैं। मगर अव्यवस्थाओं के बीच 15 परिवार वहां रहने को मजबूर हैं, बाकी लोगों को कब्जे ही नहीं दिए। वहीं दो ब्लाक का काम तीन साल से बंद पड़ा है।

फ्लैट खरीदने वालों को 2016 में कब्जा दिया जाना था, मगर आज तक आश्वासन मिल रहा है। 2बीएचके 3बीएचके वाले फ्लैट की कीमत 20- 25 लाख के बीच रखी थी। ज्यादातर फ्लैट खरीदने वालों ने 90 प्रतिशत कीमत चुका दी। एग्रीमेंट के तहत बैंकों को रजिस्ट्री नहीं मिली है। बैंक की किस्तें शुरू हैं। कुछ फ्लैट मालिकों ने रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट) का दरवाजा भी खटखटाया। बिल्डर के खिलाफ फैसला आया है। 60 दिन में पैनाल्टी सहित पैसा लौटाने को बोला है।

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