पर्यावरण और जल संचय को लेकर डाबर इंडिया की सराहनीय पहल.

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पर्यावरण और जल संचय को लेकर डाबर इंडिया की सराहनीय पहल.

मोहन वर्मा/  डाबर इंडिया लिमिटेड ने अपने सीएसआर (CSR) परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के धार जिला के पीथमपुर क्षेत्र के गांव पिपलिया की उंडवा नदी पर चेक डेम निर्माण एवं वाटर रिचार्ज शाफ़्ट हेतु किया भूमि पूजन। यह परियोजना डाबर द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए क्रियान्वित की जा रही है जिसका अम्लीकरण कार्यकारी संस्था रेवाखंड फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा। इस परियोनान्तर्गत लगभग 90,000 किलोलिटर वर्षा जल का संरक्षण किया जाएगा। नालछा ब्लॉक के पिपलिया गांव में लगभग 1396 लाभार्थियों को इस योजना से लाभ होगा।

मध्य प्रदेश में स्थानीय समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारत की सबसे बड़ी विज्ञान पर आधारित आयुर्वेद विशेषज्ञ कंपनी, डाबर इंडिया लिमिटेड ने आज मध्य प्रदेश के नालछा ब्लॉक के पिपलिया गांव की उंडवा नदी पर 2 चेक डेम, 2 वाटर रिचार्ज शाफ्ट्स एवं वृक्षारोपण हेतु भूमि पूजन किया गया ।

 

कार्यक्रम में डाबर इंडिया लिमिटेड के कुमार नीरज (यूनिट HR Head), संजय शाह (Corporate CSR) एवं नरेश चढ़ार (CSR) मौजूद रहे। रेवाखंड फाउंडेशन से मिलिंद पंडित (प्रेसिडेंट) एवं डॉ. स्वाति संवत्सर (सचिव) मौजूद रहे। वहीं ग्राम पिपलिया से पिपलिया सरपंच जितेंद्र पटेल, पूर्व सरपंच भावसिंग बारिया, सहित अन्य ग्रामीण जन उपस्थिति रहे!

डाबर इंडिया लिमिटेड के सीएसआर हेड श्री ब्यास आनंद ने कहा “डाबर भारत के लिए चिरस्थायी उज्जवल भविष्य के निर्माण में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मिशन के तहत हम देश भर के अलग अलग स्थानों पर पानी संरक्षण परियोनान्तर्गत पानी को बचाने एवं भू-जल रिचार्ज एवं संवर्धन करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम समझते हैं  कि आज पूरे विश्व मे भू-जल का स्तर गिरता जा रहा है इसी वजह से देश के हर नागरिक को हर संभव तरीके अपनाकर पानी को बचाना होगा और डाबर उसी दिशा में एक पानी सरंक्षण मिशन के तहत कार्य कर रहा है

  कार्यक्रम में डाबर के कॉरपोरेट सी एस आर संजय शाह ने कहा कि “पानी सरंक्षण परियोजना” के तहत डाबर अलग अलग राज्यो में वर्षा आधारित पानी को सहेजने के लिए अलग अलग परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है । पिपलिया में भी चेक डेम निर्माण एवं वाटर रिचार्ज शाफ्ट्स से गांव और आसपास के एरिया में भू-जल का स्तर बढेगा साथ ही लोगो की आजीविका में भी बढ़ोतरी होगी। आसपास के एरिया में जैव विविधता की भी बढ़ोतरी एवं संरक्षण भी होगा।
डाबर इंडिया लिमिटेड, पीथमपुर के यूनिट एच आर हेड कुमार नीरज ने कहा के डाबर के संस्थापक श्री एस. के. बर्मन जी के विचार “वह जीवन ही क्या, जो किसी के काम ना आये” हम सबको समुदाय के विकास के लिए प्रेरित करते है और इसी दिशा में आज डाबर पीथमपुर क्षेत्र में पानी संरक्षण परियोजना के साथ साथ आदर्श स्कूल, आदर्श आंगनवाडी, सिलाई प्रशिक्षण केंद्र, रेमेडियल एडुकेशन केंद्र, कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र, बृक्षारोपण मिशन आदि CSR परियोजनाओं का संचालन कर समुदाय के सतत विकास के प्रयासरत है एवं समुदाय के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण में सहयोगी बनने का कार्य कर रहे है।
आगे भी डाबर इंडिया लिमिटेड की योजना है कि इस क्षेत्र में ग्रामीण आबादी, की आजीविका और विशेष रूप से पानी संरक्षण के उद्देश्य से विकास संबंधी पहल की जाएगी।”
डाबर पीथमपुर के यूनिट हेड रोबिन गोयल ने बताया कि डाबर  लोगों के जीवन में एक स्थायी बदलाव लाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए सही वातावरण बनाने का प्रयास करते हुए 1994 से सामुदायिक विकास कार्यों से जुड़ा हुआ है। हमारे पानी संरक्षण कार्यक्रम के माध्यम से, डाबर पीथमपुर के आसपास के क्षेत्र में पानी से संबंधित समस्याओं का निराकरण हेतु अलग अलग परियोजनाओ को संचालित कर रही है जिससे भूजल का बढ़ना, भूजल की गुणवत्ता में सुधार होगा और समुदाय में आजीविका के अलग अलग नए साधनों का विकास हो सकेगा जिससे समग्र एवं सतत विकास होगा। इसके साथ ही डाबर, मध्य प्रदेश में किफायती, पर्यावरण के अनुकूल, समुदाय-आधारित प्रौद्योगिकियों के माध्यम से इस क्षेत्र में पानी के संकट से निपटने में लोगों की मदद कर रहा है।

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