बदलते समय में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को टूल बनाकर काम करने की जरूरत…कहा -“सामना” के कार्यकारी संपादक अनिल तिवारी ने
देवास/मोहन वर्मा । मुम्बई के सामना अखबार के कार्यकारी संपादक अनिल तिवारी शुक्रवार को देवास में पत्रकारों से रूबरू हुए । आपने बीते समय और बदलते दौर की पत्रकारिता को लेकर देवास के पत्रकारों से अपने विचार साझा किए और कहा महानगरो में तो अब कॉपी पेस्ट जर्नलिज्म बाकी बचा है छोटे कस्बों और शहरों में ही पत्रकारिता नजर आती है ।
तिवारी ने कहा कि आने वाला समय आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का है जो सतही तौर पर तो खतरे की तरह नजर आ रहा है मगर यह एक जरूरी बदलाव है जो हमारे जीवन के साथ पत्रकारिता की दुनिया में भी जबरदस्त बदलाव लाने वाला है इसलिए इसे एक जरूरी टूल समझकर हम अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
किसी भी खबर को लेकर पत्रकार को तीन जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है कि जो छापे वो सत्य हो, जिसमें पर्दे के पीछे की भी कहानी उजागर हो और खबर लोगों को जोड़ सके।सोशल मीडिया और तुरत-फुरत ख़बरों पर पूछे जाने पर तिवारी ने कहा छोटी छोटी बातों का सिरा पकड़कर लोग आज बड़ी फ्रेम में आकर प्रसिद्धी पाना चाहते है इसीलिए अनावश्यक टिप्पणियां जरूरत से ज्यादा जगह घेर रही है।सोशल मीडिया की निरंकुशता के कारण कई बार सही बात भी या तो दब जाती है या फिर विवादों का कारण बन जाती है । तिवारी पत्रकारों द्वारा पूछे राजनैतिक सवालों से भी बचते नजर आए
कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष ललित शर्मा, पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री कांत उपाध्याय,अतुल बागलिकर,शेखर कौशल, मोहन वर्मा,दिलीप मिश्रा,सौरभ सचान,अतुल शर्मा, सुरेश जायसवाल, राजेंद्रसिंह पवार,अर्पित, अमित व्यास,इकबाल कुरेशी,खुमानसिंह बैस,उदयआरस,सुनील पाण्डेय,राजेश पाठक, धीरज सेन,ओपीसेन,आनंद गुप्ता तथा चंद्रपालसिंह सोलंकी छोटू भी उपस्थित थे ।