21 हजार नए पदों की मंजूरी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल- एक लाख पदों पर कहां हुई भर्ती ?  

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21 हजार नए पदों की मंजूरी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल- एक लाख पदों पर कहां हुई भर्ती ?


देवास/मोहन वर्मा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 24 अक्टूबर 2024 को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि एक लाख पदों पर भर्ती की जाएगी। ये भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल और एमपी पीएससी के माध्यम से की जाएंगी। बैठक में 21 हजार से अधिक नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई थी। इसमें 13 हजार 140 पद महिला एवं बाल विकास विभाग और 6 हजार 388 पद स्वास्थ्य विभाग के हैं। आउटसोर्स के 1,500 से अधिक पदों की भी मंजूरी दी गई थी।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि 22 अक्टूबर 2024 से लेकर जनवरी 2025 तक किसी भी बेरोजगार युवा को सरकारी नौकरी नहीं दी गई है। अगर सरकार ने एक लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, तो सार्वजनिक रूप से जानकारी दी जानी चाहिए।
भर्ती परीक्षाओं में देरी पर आपत्ति-
कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया, कि कर्मचारी चयन मंडल भर्ती परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं कर पा रहा है। देरी के चलते हर साल 2 लाख से अधिक उम्मीदवार सरकारी नौकरी के लिए आयु सीमा पार कर रहे हैं। प्रदेश के रोजगार पोर्टल पर 26.5 लाख से अधिक युवा पंजीकृत हैं, लेकिन भर्ती प्रक्रिया की सुस्ती से उन्हें निराशा हो रही है।
आयु सीमा में छूट की मांग-
कांग्रेस ने मांग की है, कि भर्ती प्रक्रिया में देरी के कारण आयु सीमा पार कर चुके उम्मीदवारों को राहत दी जाए। यह गलती अभ्यर्थियों की नहीं, बल्कि संबंधित बोर्ड की है।
घोषणाओं पर अमल की मांग:
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार केवल घोषणाएं करती है और उनका धरातल पर अमल नहीं होता। इन्वेस्टर समिट के बावजूद रोजगार के अवसर सृजित नहीं हो रहे हैं। युवाओं में बढ़ते आक्रोश के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा, कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि कैबिनेट में लिए गए निर्णयों के अनुसार कितने युवाओं को रोजगार मिला। केवल घोषणाएं करने व प्रलोभन से बेरोजगारी दूर नहीं होगी।

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