देवास ने बचाया 200 करोड़ लीटर पानी,आगे बचाएगा 1000 करोड़ लीटर-कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा।
देवास/मोहन वर्मा। देवास शहर ने इस बार अमृत संचय अभियान के तहत 200 करोड़ लीटर पानी बचाया है और शहरवासियों के सम्मिलित प्रयासों से ये उम्मीद की जा सकती है कि बरसात में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग और सोक पिट के माध्यम से आने वाले समय में हम सब मिलकर 1000 करोड़ लीटर पानी भी बचा सकते हैं ।ये बात जिला कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने आज सेन थाम एकेडमी में जल संचय को लेकर आयोजित कार्यशाला में कही ।
श्री गुप्ता ने उपस्थित बच्चों और पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे संवेदनशील होते है और भविष्य में पानी की कमी को देखते हुए उनसे ये उम्मीद की जा सकती है कि इस गंभीर मुद्दे पर वे और परिजन मिलकर पानी संचय भी करेंगे और बचायेंगे भी। आपने कहा कि बेहतर पर्यावरण के लिए पेड़ लगाना जरूरी है मगर पेड़ के लिए और जीवन के लिए पानी हम सबकी प्राथमिकता है।
आपने दिल्ली,बैंगलुरू के उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली गैस चेंबर में बदलता जा रहा है और बैंगलुरू में जहां पिछले साल अतिवृष्टि के हालात थे वहीं इस बार पानी की कमी है। हम खुद ये हालात पैदा कर रहे है। तालाबों की जगहों पर बहुमंजिला इमारतें, सीमेंट कांक्रीट के रोड,पैवर्स लगाकर जमीन में पानी जाने से रोक रहे है। कलेक्टर श्री गुप्ता ने सभी से कहा कि रूफ वाटर हार्वेस्टिंग और सोक पिट के माध्यम से जलसंचय करते हुए हम खुद को,बच्चों को और आने वाली पीढ़ी को पानी की कमी से बचा सकते है।
कार्यक्रम के आरंभ में एकेडमी की श्रीमती हैंसी थॉमस और सुनील थॉमस ने अतिथियों का स्वागत किया। अमृत संचय टीम के श्रीकांत उपाध्याय ने इस अभियान के बारे में बताया। इस अवसर पर बच्चों और परिजनों ने जिलाधीश से सार्थक संवाद करते हुए सवाल भी पूछे,जिनका जवाब जिलाधीश और अभियान के डॉ सुनील चतुर्वेदी ने दिए।
एकेडमी के सुनील थॉमस ने जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह स्कूल ने अपनी छत के माध्यम से 25 लाख लीटर तथा ग्राउंड के माध्यम से 2 करोड़ लीटर पानी बचाकर अभियान में अपना योगदान दिया है। स्कूल के छात्रों ने पर्यावरण में सहयोग करते हुए पचास हजार सीड बॉल भी बनाए है जिनमे से तीस हजार शंकरगढ़ और बीस हजार पालकों और बच्चों के माध्यम से शहर में वृक्षारोपण के लिए उपयोग किए जायेंगें। कार्यक्रम में टीम अमृत संचय के मोहन वर्मा, अरविंद त्रिवेदी, हिमांशु भावसार,महेश सोनी तथा प्रतापसिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।