मुझे नहीं पता था कि सुबह मैं अपने काका और भाई से आखिरी बार मिल रहा हूं। काकी के देहांत के बाद मैं, काका और भाई के साथ ही रह रहा था। वो तो पेंशन निकालने का कहकर भाई के साथ राजगढ़ जाने के लिए निकले थे। घर से निकलने के आधे घंटे बाद उनकी मौत की खबर आई। यह कहना था हिरणखेड़ी के रहने वाले दरियाव सिंह का। राजगढ़ सड़क हादसे में दरियाव के काका पन्नालाल और उनके बेटे प्रभुदयाल की मौत हो गई है। हादसे की जानकारी लगते ही भतीजा मौके पर पहुंचा, यहां से अस्पताल आया, लेकिन काका और भाई की लाश देखकर फफक पड़ा। पीएम के बाद वह शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए गांव रवाना हो गया।
आधे घंटे बाद ही आई मौत की सूचना
दरियाव सिंह ने बताया कि मेरे काका पन्नालाल तंवर मेरे साथ ही रहते थे। मेरी काकी का कुछ कुछ समय पहले निधन हो गया था। काकी की मौत के बाद काका मैं और मेरा भाई प्रभुलाल साथ ही रहते थे। काका के पास करीब 2 बीघा जमीन थी। उन्हें वृद्धा पेंशन भी मिलती थी। प्रभुलाल की अभी शादी नहीं हुई थी। सुबह वे उठे और चाय -नाश्ता करने के बाद मुझसे कहा कि दरियाव मैं पेंशन निकालने जा रहा हूं। प्रभु को भी लेकर जा रहा हूं। करीब साढ़े 8 बजे वे घर से निकले। मैं भी अपने काम पर लग गया। करीब 9 बजे मुझे पता चला कि काका और भाई जिस ऑटो से निकले थे। उसका एक्सीडेंट हो गया है। मैं सब काम छोड़कर तत्काल मौके पर भागा, जब मैं मौके पर पहुंचा तो सबको अस्पताल लेकर जाया जा रहा था। मेरे काका और भाई की मौत हो चुकी थी। मुझे नहीं पता था कि मेरे काका और भाई से मैं सुबह आखिरी बार मिल रहा हूं।