जीत की खुशी का उत्साह बदला तनाव में,हुड़दंगियौ पर पुलिस की नकेल, मगर राजनैतिक पेंच के चलते टीआई हुए लाइन अटैच..
देवास/मोहन वर्मा । दो दिन पहले क्रिकेट में भारतीय टीम की विजय के उत्साह के अतिरेक में सड़कों पर निकली भीड़ ने मालवा के माहौल को तनाव से भर दिया । महू के दंगों के साथ ही उज्जैन और देवास में भी हुड़दंगियौ ने अनियंत्रित तरीकों से
पटाखे चला कर भीड़ पर उछाले । महिलाओं से छेड़खानी की और जब पुलिस ने इन्हें नियंत्रित करने की कोशिश की तो भीड़ ने थाना इंचार्ज के साथ भी अभद्रता करते हुए उनके वाहन में भी तोड़फोड़ की कोशिश की।
उन्मादी भीड़ को अपने बल के साथ नियंत्रित करने वापस लौटी पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर कुछ लोगों को न सिर्फ गिरफ्त में लिया बल्कि उन्हें गंजा कर उनका जुलूस भी निकाला । इन सब कार्यवाही के दौरान कुछ व्यापारियों को भी पुलिस के खौफ का शिकार बनना पड़ा और उसके बाद शुरू हुई राजनीति के चलते एक आरक्षक को लाइन अटैच भी कर दिया गया ।
बीते दो दिन तमाम घटनाक्रम को लेकर लोग सोशल मीडिया पर सक्रिय बने रहे । पुलिस की कथित निर्दोषों के साथ हुई कार्यवाही पर एक और जहाँ भाजपा नेता मनीष सेन ने आवाज उठाई वहीं विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार ने भी पुलिस अधीक्षक से इस मामले में चर्चा कर निर्दोषों पर कार्यवाही का विरोध किया और उन्हें रिहा किये जाने की मांग की जिसपर उन्हें रिहा भी कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले में एक सप्ताह में दोषियों को चिन्हित करने और अपराधियों को सामने लाने की बात कही है ।
इधर समाचार लिखते लिखते सामने आई ख़बर के अनुसार विधायक से चर्चा के बाद पुलिस कप्तान ने संबंधित थाना प्रभारी अजय गुर्जर को जांच होने तक लाईन अटैच कर दिया है
क्रिकेट में भारत की जीत की खुशी में अपने उत्साह को हुड़दंग में बदलती भीड़ का आचरण,भीड़ की गतिविधियों को नियंत्रित करती पुलिस की कार्यवाही, दोषी या निर्दोषों के साथ पुलिस का व्यवहार,भाजपा विधायक का पूरे मामले में जरूरी
हस्तक्षेप ये सब पूरे घटनाक्रम के अलग अलग एंगल है जिसपर विस्तार से रिपोर्ट तो एक सप्ताह में सामने आयेगी मगर पूरा घटनाक्रम बहुत से सवाल छोड़े जा रहा है जिनपर शहर हित में मंथन जरूरी है….