बच्चे मिल रही सुविधाओं का लाभ लेकर मन लगाकर पढ़ें और बेहतर समाज के निर्माण में भागीदार बनें। फर्नीचर लोकार्पण में कहा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने
देवास/मोहन वर्मा । स्कूलों को उद्योगों और समाजसेवियों की मदद से मिल रहे फर्नीचर, टीवी और अन्य संसाधनों की मदद से मिल रही सुविधाओं का लाभ लेकर अच्छे से मन लगाकर पढ़ाई करनी चाहिये ताकि आने वाले कल में वे अच्छे नागरिक बन कर बेहतर समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी कर सकें । ये बात जिलाधीश ऋषव गुप्ता ने कही। वे चिमनाबाई स्कूल में बेअरलॉकर उद्योग द्वारा स्कूलों में दिए जाने रहे फ़र्नीचर के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे।आपने जिले के विकास कार्यों में बेअरलॉकर उद्योग के सहयोग के लिये उद्योग प्रबंधन की प्रशंसा भी की।
जिलाधीश के निर्देशानुसार उद्योगों द्वारा स्कूलों को अपने सीएसआर फण्ड से दी जाने वालीं सहायता के तहत आज बेअरलॉकर उद्योग द्वारा चिमनाबाई स्कूल में डेढ़ लाख कीमत के पचास फ़र्नीचर सेट भेंट किए गए।
उद्योग के प्रबंधक प्रवीण शर्मा तथा सीएसआर सहयोगी एक्ट ईव फाउंडेशन अध्यक्ष मोहन वर्मा ने बताया कि फर्नीचर लोकार्पण के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री ऋषव गुप्ता के साथ बेअरलॉकरउद्योग के जर्मनी से आए जुजर्न बेयर,टर्की से आए डाडस माहिर,इन्डिया ऑपरेशन हेड हितेश कंवर, संदीप गगलानी,जिला शिक्षाधिकारी हरिसिंह भारती,डीपीसी प्रदीप जैन,उद्योग विभाग महाप्रबंधक मंगल रैकवार,डाइट प्राचार्य आर के सक्सेना,बीआरसी किशोर वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।
बेअरलॉकर उद्योग के जर्मनी से आए जुजर्न बेयर ने कहा अपनी सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत हमारे द्वारा समाज के लिए जो बेहतर है वो करते हुए हमें खुशी हैं। इन्डिया ऑपरेशन हेड हितेश कंवर ने कहा हम अब तक बच्चों के लिए 400 फर्नीचर सेट दे चुके हैं और एक हजार सेट और भी देने जा रहे हैं। इसके अलावा जिला अस्पताल,माता टेकरी और दृष्टिहीन कन्या शाला मे मांग पर सोलर सिस्टम भी लगाये हैं।
कार्यक्रम के आरंभ में स्कूल प्रबंधन की तरफ से प्रभारी प्राचार्या सीमा पांडे ने तथा एक्टईव फाउंडेशन अध्यक्ष मोहन वर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में सिद्धि कुकडे,प्रदीप शर्मा, योगेन्द्र सिंह चावडा,ईसाक शेख,शैलेन्द्र जोशी, मुकेश तिवारी, वंदना शर्मा,विजय श्रीवास्तव,गुलाब वर्मा,आर के श्रीवास्तव,जनशिक्षक सुरेंद्र राठौर,सहित स्कूल स्टाफ उपस्थित था। कार्यक्रम का संचालन किशोर असनानी ने किया तथा आभार दीपक शुक्ला ने माना।