नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी। शिक्षा नीति में कई अच्छी बातें हैं। अब विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कार भी देना होगा। यह कहना है पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा खंडवा रोड स्थित आडिटोरियम में माता अहिल्या बाई होलकर की 226वीं पुण्यतिथि के अवसर पर वीमेन टास्क फोर्स और देवी अहिल्या नारी शक्ति समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिन विश्वविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव का आगाज भी हुआ। इसमें सुमित्रा महाजन मुख्य अतिथि थी। विशेष अतिथि के तौर पर कुसुमलता जैन उपस्थित थी। सुमित्रा महाजन का कहना था कि हम की भावना हर किसी में होना चाहिए। हम की भावना से हमें ताकत मिलती है।
महामारी में संकट के समय भी इसी भावना के कारण हमें हिम्मत मिली थी। कार्यक्रम में गणेश वंदना, घूमर नृत्य, वंदेमातरम समूह गान, पंजाबी नृत्य और गरबा भी हुआ। लाकडाउन फ्रिक आउट पार्टिसिपेंट्स नाम से हुई प्रस्तुति में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स द्वारा महामारी के दौरान लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए की गई कोशिश के वीडियो प्रस्तुत किए गए। विश्वविद्यालय के विभिन्ना प्रोफेसर्स द्वारा नाटक और अन्य सभी कार्यक्रमा में प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में डा. माया इंगले, डा. अंजना जाजू, डा. रेखा आचार्य, डा. निशा सिद्दकी और डा. अनंदिता चटर्जी शामिल थे।