यशोधरा भटनागर मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित
देवास/मोहन वर्मा । पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ, मथुरा हिन्दी भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था है। यह संस्था हिन्दी लेखकों , रचनाकारों, साहित्यकारों एवं हिन्दी लेखन में रुचि रखने वाले साहित्य मनीषियों को प्रोत्साहित करने हेतु सारस्वत सम्मान , साहित्य भूषण , विद्या वाचस्पति (मानद डाक्टरेट उपाधि) से सम्मानित करती है। इसी संदर्भ में 24 जुलाई को नई दिल्ली के कान्स्टिट्यूशनल क्लब आफ इंडिया में आयोजित विशेष कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् यशोधरा भटनागर को मानद डाक्टरेट(विद्या वाचस्पति) की उपाधि से सम्मानित किया गया। यशोधरा भटनागर को यह सम्मान शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान व समाजसेवा से जुड़े कार्यों हेतु प्रदान किया गया।
मानद् डाक्टरेट की उपाधि डॉ. इंदु भूषण मिश्रा, कुलपति पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ वृंदावन द्वारा पद्मश्री डॉ. अरविंद कुमार ,डॉ. स्वर्णलता पांचाल रिसर्च साइंटिस्ट एम्स, नई दिल्ली व अन्य विशिष्ट अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति में प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि यशोधरा भटनागर द्वारा स्त्री विमर्श, पर्यावरण व समाज की विसंगतियों पर केंद्रित गद्य व पद्य विधा में निरंतर साहित्य सृजन किया जा रहा है। अभी तक उनकी पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। यशोधरा भटनागर की रचना ‘ननिहाल’ मधुबन प्रकाशन की हिंदी पाठमाला 6 मधु श्री में सम्मिलित की गई है एवं पाठ्यक्रम के रूप में भी स्कूलों में पढ़ाई जा रही है।